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दुबई एयरशो 2025 में तेजस विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से विंग कमांडर नमंश स्याल की मृत्यु
दुबई एयरशो 2025 के अंतिम दिन, 21 नवंबर, 2025 को दोपहर 2:10 बजे (दुबई समय), भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर नमंश स्याल, 34, ने अपनी जान गंवा दी। उन्होंने अपने तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA Mk-1) को नियंत्रित करने में असमर्थता के कारण एक निम्न-ऊंचाई वाली नेगेटिव-जी एयरोबैटिक मूव के दौरान नियंत्रण खो दिया। विमान अचानक नीचे गिरा, आग लग गई और जमीन पर टकराकर बर्बर रूप से विनष्ट हो गया। इस दौरान उनका पैराशूट निकला नहीं — लाखों दर्शकों के सामने, दुनिया के सबसे बड़े एयरोस्पेस एक्सपो में, एक भारतीय वीर योद्धा अपनी जिंदगी के अंतिम पलों में चला गया।
एक वीर योद्धा का अंतिम उड़ान
विंग कमांडर नमंश स्याल, सुलूर वायु सेना अड्डा (कोयंबटूर, तमिलनाडु) से तैनात, भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित तेजस को दुबई के अल मकतूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर दिखाने के लिए चुने गए थे। यह उनका आठवां मिनट था — एयरशो के अंतिम दिन के एयर शो में एक नियोजित प्रदर्शन का। उनका उड़ान अभ्यास इतना निपुण था कि दर्शकों ने उन्हें एक वास्तविक विमानन कलाकार के रूप में देखा। लेकिन एक अचानक तकनीकी विफलता ने सब कुछ बदल दिया।
अंतरराष्ट्रीय सम्मान और विवादित निर्णय
दुर्घटना के बाद, रूसी नाइट्स एयरोबैटिक टीम ने अपने अंतिम प्रदर्शन में ‘मिसिंग मैन’ मैन्यूवर किया — एक ऐसा सम्मान जो केवल उन वीरों के लिए होता है जो अपनी उड़ान से वापस नहीं आए। रूसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म VK पर एक वीडियो में उन्होंने कहा: ‘यह दुर्घटना बयान करने के लायक नहीं है।’
लेकिन वहीं, यूएस एयर फोर्स के मेजर टेलर ‘फेमा’ हिएस्टर ने एक अलग निर्णय लिया। उन्होंने अपनी F-16 वाइपर टीम का अंतिम प्रदर्शन रद्द कर दिया। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा: ‘दुबई एयरशो ने इस दुर्घटना के बाद भी उड़ानें जारी रखने का अजीब फैसला किया। हमने अपनी उड़ान रद्द कर दी — सम्मान के लिए।’ उन्होंने यह भी कहा कि वे देख रहे थे कि भारतीय तकनीशियन खाली जगह के पास खड़े हैं, जबकि आसपास रॉक और फिल्म संगीत बज रहा है। यह दर्द अपने आप में एक अंतरराष्ट्रीय संदेश है।
भारतीय वायु सेना का सम्मान
भारतीय वायु सेना ने एक आधिकारिक बयान जारी किया: ‘उनकी कुशलता, समर्पण और सम्मानजनक व्यक्तित्व ने उन्हें असीम सम्मान दिलाया।’ उन्हें एक ‘दृढ़ संकल्प, अद्वितीय कौशल और अटूट कर्तव्यबोध’ के साथ सेवा करने वाला विमानन विशेषज्ञ बताया गया।
विंग कमांडर स्याल की पत्नी, विंग कमांडर अफशान, भी वायु सेना की एक अधिकारी हैं। उनकी छोटी बेटी, आर्या, अभी केवल तीन साल की है। उनके पिता, जगन्नाथ (एक पूर्व सैनिक और पूर्व प्रिंसिपल), और माता बीना देवी, अपने बेटे के बारे में बोलते हैं — ‘वह हमेशा कक्षा में टॉप करता था।’
अंतिम संस्कार: एक गाँव का शोक
23 नवंबर, 2025 को, उनकी अंतिम यात्रा पतियालकर गाँव, कांगड़ा जिला, हिमाचल प्रदेश तक पहुँची। एक फूलों से सजी आर्मी ट्रक ने उनके शव को ले जाया। हजारों लोग रास्ते में खड़े थे — पड़ोसी, पुराने दोस्त, शिक्षक, और राज्य सरकार के मंत्री। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु ने कहा: ‘यह एक ऐसा बेटा है जिसे भारत बहुत जल्दी खो चुका है।’
उनका अंतिम संस्कार गाँव के बाहर एक शांत स्थान पर किया गया। आग के ऊपर धुआँ उठा, लेकिन गाँव की चुप्पी और आँखों में आँसू बोल रहे थे — एक नेता नहीं, एक बेटा, एक पति, एक बाप जो अपने देश के लिए उड़ा था।
तेजस के भविष्य पर सवाल
यह दुर्घटना भारत के स्वदेशी रक्षा उद्योग के लिए एक बड़ा झटका है। तेजस को भारत के लिए एक राष्ट्रीय गर्व के रूप में प्रस्तुत किया जाता रहा है। लेकिन यह घटना यह सवाल उठाती है: क्या हम इस विमान के लिए आधुनिक एयरोबैटिक प्रदर्शनों के लिए पर्याप्त सुरक्षा जाँच कर रहे हैं? क्या हम अंतरराष्ट्रीय एयरशो के लिए विमानों को उतना ही तैयार कर रहे हैं जितना हम युद्ध के लिए करते हैं?
भारतीय वायु सेना ने तुरंत जांच की घोषणा की है। आधिकारिक रूप से कहा गया है कि दुर्घटना के कारणों की जांच ‘अंतरराष्ट्रीय एयरशो के समाप्त होने के बाद शुरू होगी’। लेकिन जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक यह आत्मविश्वास के बजाय डर का संकेत बन रहा है।
एक बेटे का संदेश
उनके चाचा मदन लाल ने कहा: ‘हमने उसे एक बच्चे के रूप में देखा — वह अपनी किताबों के साथ खेलता था। अब वह एक नाम है — एक नाम जो भारत के इतिहास में दर्ज हो जाएगा।’
उनके एक पुराने शिक्षक ने याद किया: ‘वह हमेशा बताता था — मैं अपने देश के लिए उड़ूंगा।’ वह उड़ गया। और अब, वह उड़ान जिसे वह सपना देख रहा था, वह उड़ान जिसे वह दुनिया को दिखाना चाहता था — वह उड़ान अब एक अमर याद बन गई है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
तेजस विमान की सुरक्षा रिपोर्ट क्या है?
तेजस विमान को 2016 से भारतीय वायु सेना में सक्रिय रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है, और अब तक इसके 100 से अधिक उड़ान अभ्यास हुए हैं। इस दौरान केवल दो दुर्घटनाएँ रिपोर्ट हुई हैं — एक 2019 में और अब यह। दोनों में इंजन या नियंत्रण प्रणाली में तकनीकी खामी के संभावित कारण बताए गए हैं। हालांकि, एयरोबैटिक प्रदर्शनों में इसका उपयोग अभी तक सीमित रहा है।
विंग कमांडर नमंश स्याल का इतिहास क्या था?
विंग कमांडर स्याल ने 2014 में भारतीय वायु सेना में प्रवेश किया। उन्होंने तेजस विमान के लिए विशेष प्रशिक्षण पूरा किया और 2023 में इसके लिए अपनी पहली ऑपरेशनल उड़ान भरी। उन्हें अक्सर अपनी टीम में ‘परफेक्शनिस्ट’ कहा जाता था। उन्होंने दुबई एयरशो के लिए तीन महीने का विशेष प्रशिक्षण लिया था।
क्या दुबई एयरशो ने इस दुर्घटना के बाद भी उड़ानें जारी रखने का फैसला सही था?
इस पर विश्व स्तर पर विवाद है। अमेरिकी और यूरोपीय टीमों ने इस निर्णय की आलोचना की, जबकि दुबई एयरशो के आयोजकों ने कहा कि ‘सुरक्षा और नियमों का पालन हो रहा है।’ लेकिन वास्तविकता यह है कि एक विमान दुर्घटना के बाद एक दर्जन उड़ानें जारी रखना, भावनात्मक दृष्टि से अनुचित लगता है। इसके बाद कई देशों ने अपनी टीमों को रद्द करने का फैसला किया।
भारतीय वायु सेना ने इस घटना के बाद क्या कदम उठाए हैं?
भारतीय वायु सेना ने तेजस विमान के लिए एक अतिरिक्त सुरक्षा समीक्षा शुरू कर दी है। सभी एयरोबैटिक प्रदर्शनों को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। विमान के नियंत्रण सिस्टम, ईजेक्शन सीट और इंजन लॉजिक की जाँच के लिए HAL के तकनीशियनों को बुलाया गया है। एक अंतरराष्ट्रीय जांच टीम भी भारत में शामिल होगी।
विंग कमांडर स्याल के परिवार को क्या समर्थन मिल रहा है?
भारतीय वायु सेना ने उनकी पत्नी और बेटी को पूर्ण वेतन और स्वास्थ्य सुविधाएँ देने की घोषणा की है। राष्ट्रपति ने उन्हें अपने संदेश में श्रद्धांजलि दी है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने उनके गाँव में एक स्मारक स्थापित करने का वादा किया है। उनकी बेटी के लिए एक विशेष शिक्षा फंड भी बनाया गया है।
क्या तेजस विमान का भविष्य अब संदिग्ध हो गया है?
नहीं — लेकिन अब यह एक अलग तरह से देखा जाएगा। तेजस एक विश्वसनीय लड़ाकू विमान है, जिसे भारत के बेसिक डिफेंस जरूरतों के लिए डिज़ाइन किया गया है। लेकिन एयरशो प्रदर्शनों में इसका उपयोग अब बहुत अधिक सावधानी से किया जाएगा। यह दुर्घटना एक निर्माण की त्रुटि नहीं, बल्कि एक संस्कृति की त्रुटि है — जहाँ नाम बनाने के लिए जान लगा दी जाती है।