बच्चों की बेबीसिट क्यों ज़रूरी है और कैसे चुनें?

हर माता‑पिता का सबसे बड़ा डर होता है जब उनका बच्चा कार में सवार होता है। सही बेबीसिट न केवल कानून का पालन करता है, बल्कि छोटे शिशु को टक्कर से बचाता है। चलिए, जानते हैं कौन‑सी चीज़ों पर ध्यान देना चाहिए।

बेबीसिट के मुख्य प्रकार

बेबीसिट मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में आती हैं – रिस्ट्रेक्शन इन्सिस्टर (0‑6 माह), कन्वर्टिबल नीचे‑सामने साइड‑इम्पैक्ट (6‑24 माह) और बूस्टर सीट (4‑12 साल)। छोटे बच्चों के लिए रिक्रूट सेल्फ‑होल्डिंग प्रणाली वाली सीट सबसे आरामदायक और सुरक्षित होती है।

अगर आपका बच्चा 2 साल से कम का है तो रिस्ट्रेक्शन इन्सिस्टर चुनें, क्योंकि ये साइड इम्पैक्ट में बेहतर रक्षा करती है। जब बच्चा 2‑4 साल का हो जाए तो आधी‑से‑पूरा ग्रोथ मॉडल पर स्विच करें, जिससे आपका शिशु बढ़ते‑बढ़ते भी सुरक्षित रहेगा।

सही बेबीसिट चुनने के टिप्स

1. **सुरक्षा रेगुलेशन** – भारत में IS 14034 मानक वाली सीट देखें। ये प्रमाणित होती है कि वह टक्कर में 30 % तक दबाव कम कर सकती है। 2. **संगतता** – कार की सीट बेल्ट या ISOFIX फिक्सिंग पॉइंट्स के साथ मिलती‑जुलती हो। ISOFIX कई कारों में मौजूद रहता है, जिससे इंस्टॉल करना आसान हो जाता है। 3. **वजन‑ऊँचाई सीमा** – हमेशा पैकेज पर लिखे रेंज को देखें। हलकी बच्ची को छोटा सीट नहीं, बड़ा सीट नहीं, सही फिट चाहिए। 4. **आराम** – पैडिंग मुलायम और हटाने‑साफ़ करने योग्य हो। लंबे सफ़र में बच्चा आराम से बैठा रहेगा। 5. **रोटेटेबल बेस** – कई मॉडलों में बेस को 360° घुमा सकते हैं, जिससे बच्चा आसानी से बैठ और उठ सकता है।

एक बार खरीदते‑समय, दुकानदार से पूछें कि क्या सीट आपके कार मॉडल के साथ ट्रायल कर सकते हैं। यह फीचर बहुत कम मिलता है, लेकिन इससे इंस्टॉलेशन में गड़बड़ी नहीं होती।

**इंस्टॉल करने का आसान तरीका** – सबसे पहले कार की सीट पर ISOFIX क्लैम्प या बेल्ट लगाएँ। फिर बेस को मजबूती से फिक्स करें, और शीर्ष भाग को अपनी बच्ची के पीछे रखकर सीट बेल्ट के माध्यम से सुरक्षित करें। एक बार बेल्ट टैट टाइट हो जाए, तो आप घुटनों को हल्का दबा कर जाँच सकते हैं – अगर सीट हिलती नहीं, तो सही है।

**सफ़ाई और मेंटेनेंस** – बेबीसिट को रोज़ानंदे 30 सेकंड में खिड़की के नीचे हल्के साबुन वाले पानी से पोंछें। जब कपड़े गंदे हों तो हटाने योग्य कवर को ड्राइ क्लीन करें। अत्यधिक सूर्य या नमी से बचाएँ, क्योंकि इससे फ़ोम घट सकता है।

**सुरक्षा चेक‑लिस्ट** – हर यात्रा से पहले एक बार बेल्ट, क्लैम्प और कनेक्शन की जाँच करें। अगर कोई पार्ट ढीला दिखे, तो तुरंत टाइट करें। शिशु के बगल में कोई सख़्त वस्तु न रखें, ताकि साइड इम्पैक्ट में बचाव अच्छा रहे।

आख़िर में, सही बेबीसिट का चुनाव आपके बच्चे की सुरक्षा में 50 % तक मदद करता है। इसलिए ऊपर बताई गई बातों को याद रखें, और कार में बैठते‑ही बच्चा सुरक्षित, आप तसल्ली‑बख़्श रहेंगे।

रामप्रसाद कुशवाहा
अग॰
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रिशभ पंत ने टिम पेन के बच्चों की बेबीसिट क्यों की?

"रिशभ पंत ने टिम पेन के बच्चों की बेबीसिट क्यों की?" ये विषय, वाकई में हमें हंसी और खुशी से भर देता है। यह सब टेस्ट सीरीज के दौरान हुआ जब ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन ने रिशभ पंत को बेबीसिटर कहा। इस पर पंत ने मजाकिया तरीके से पेन के बच्चों की बेबीसिट करने की तस्वीर सोशल मीडिया पर डाली। यह बहुत ही मनोरंजक और धार्मिक था, जिसने क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा। वाकई, यह कहानी हमें यह दिखाती है कि खेल के मैदान पर होने वाली टकरावों के बावजूद, खिलाड़ी आपस में दोस्ती और भाईचारे का महसूस कर सकते हैं। तो दोस्तों, किसने कहा कि क्रिकेट सिर्फ एक खेल है? यह तो जीवन है, जहां हम हर दिन कुछ नया सीखते हैं!